बहोत दिनों बाद...
आज ज़्यादा लिखने का मूड नहीं है क्योंकि आप सबको तो पता ही है मैं कितना आलसी हूँ। मैंने अब तक कई इंटरव्यू दिए, लेकिन किसी में सिलेक्शन नहीं हुआ। आज की तारीख 02-09-2025 है और मेरी ग्रेजुएशन पूरी हो चुकी है। लेकिन अब तक कोई नौकरी नहीं मिली। घर वाले, रिश्तेदार, यहाँ तक कि मोहल्ले वाले भी यही सोचते रहते हैं कि “इतना पढ़ाई करने के बाद भी कभी फर्नीचर ठीक करने चला जाता है, कभी अपने ही भाई-बहनों से झगड़ता है, तो कभी पागलों की तरह डांस करने लगता है। आखिर करेगा क्या ज़िंदगी में?” सच कहूँ तो मेरी भी यही सोच है। मैं भी चाहता हूँ कि जल्दी से नौकरी लग जाए, वरना घर पर बैठकर तो बरबाद ही हो रहा हूँ। घर पर बैठा-बैठा कभी सोचता हूँ आज पढ़ाई कर लूँगा, फिर टाल देता हूँ। कभी सोचता हूँ रात को पढ़ूँगा, लेकिन रात को नींद ही इतनी जल्दी आ जाती है कि बस सो जाता हूँ और पढ़ाई रह जाती है। अब तो हाल ये है कि IT फील्ड से ज्यादा मैं नॉवेल्स पढ़ रहा हूँ। अभी तक 4 नॉवेल पढ़ चुका हूँ जिनमें से मेरी सबसे पसंदीदा “गुनाहों का देवता” है। इसके बाद “खाली लिफ़ाफ़ा” , “सूरज का सातवाँ घोड़ा” और “आपकी जीत” । किताबें मैं बड़ी ...